Ø
सी पी यू (CPU):- यह सेन्ट्रल प्रोसेसिंग
यूनिट का संक्षिप्त रूप है! इसे कंप्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है,
Ø रैम (RAM):- यह रेंडम एसेस मेमोरी का
संक्षित्प रूप है सामान्य भाषा में इसे कंप्यूटर कि याददाश्त (Memory) कहा जाता है
रैम कि गणना मेगाबइटस (इकाई) से होती है,
Ø रैम (ROM):- यह रीड आनली मेमोरी का संक्षिप्त रूप है, यह हार्डवेयर का
वह भाग है, जिसमे सभी सुचनाये स्थायी रूप से इकट्ठा रहती है और जो कंप्यूटर को
प्रोग्राम संचालित करने का निर्देश देता है
Ø मदर बोर्ड (Board):- यह सर्किट बोर्ड होता है,
जिसमे कंप्यूटर के प्रत्येक प्लग लगाए जाते है ! सीपीयू रैम आदि युनिटे मदरबोर्ड
में ही संयोजित रहती है!
Ø हार्ड डिस्क (Hard Disk):- इसमे कंप्यूटर के लिए
प्रोग्रामो को स्टोर करने का कार्य होता है!
Ø फ्लापी डिस्क ड्राइव (Hard
Disk Drive):- यह सूचनाओ को सुरक्षित करने या सूचनाओ का एक कंप्यूटर में आदान-प्रदान करने
में प्रुयुक्त होता है!
Ø सीडी रोम (CD-ROM):- सीडी रोम यानि काम्पैक्ट
डिस्क छोटे-से आकार में होते हुए भी बहुत बड़ी मात्रा में आंकड़ो एंव चित्रों को ध्वनियों
के साथ संग्रहित करने में सक्षम होता है!
Ø कि-बोर्ड (Key Board):- कंप्यूटर कि लेखन प्रणाली
के लिए उपयोग में लाया जाने वाला उपकरण की-बोर्ड कहलाता है! सामान्यतः 101
की-बोर्ड को अच्छा माना जाता है!
Ø माउस (Mouse):-इसकी सहायता से स्क्रीन पर कंप्यूटर के विभिन्न प्रोग्रामो को ऐसे के माध्यम
से संचालित किया जाता है!
Ø मॉनीटर (Monitor):- इस पर कंप्यूटर में निहित
जानकारियों को देखा जा सकता है! अच्छे रंगीन में 256 रंग आते है! मॉनीटर में डाट पिच
का उपयोग होता है! डाटपिच पर जितने कम नम्बर होते है, स्क्रीन पर उभरने वाली छवि
उतनी ही साफ और गहराई के लिए होती है!
Ø साउंड कार्ड (Sound Card):- यह जरुरी बातों और जानकारियों को सुनने के साथ-साथ मल्टी
मीडिया के बढ़ते प्रोयोग के लिए आवश्यक है!
Ø प्रिंटर (Printer):- इसकी मदद से कंप्यूटर पर अंकित आंकड़ो को कागज पर मुद्रित
किया जाता है! डाट मैट्रिक्स, इंक जेट, बबल जेट, और लेजर जेट, प्रुमुख प्रिंटर है!
Ø कंप्यूटर वायरस (Computer
Virus):-कंप्यूटर वायरस एक प्रकार का इलेक्ट्रानिक कोड है, जिसका उपयोग कंप्यूटर में
समाहित सूचनाओ को समाप्त करने के लिए होता है! इसे कंप्यूटर प्रोग्राम में, किसी
टेलीफोन लाइन से दुर्भावनावश प्रोषित किया जा सकता है! इस कोड से गलत सूचनाये मिल
सकती है, एकत्रित जानकारी नष्ट हो सकती है! तथा यदि कोई कंप्यूटर किसी नेटवर्क से
जुड़ा है, तो इलेक्ट्रानिक रूप से जुड़े होने के कारण यह वायरस सम्पूर्ण नेटवर्क को
प्रभवित कर सकता है! फ्लापियो के आदान-प्रदान से भी वायरस के फैलने का दर रहता
हैये महीनो, सालों तक बिना पहचाने गए ही कंप्यूटर में पड़े रह सकते है और उसे क्षति
पहुँचा सकते है! इनकी रोकथाम के लिए इलेक्ट्रानिक सुरक्षा- व्यवस्था विकसितकि गयी
है! कुछ मुख कंप्यूटर वायरस है__मइकेलेएंजलो, डार्क एवेंजर,किलो,फिलिप,सी ब्रेन,
चेंज, मुंगु, एंव देसी!
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