हेलो दोस्तों आज हम जानेंगे
ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में पूरी विस्तार से
पहले ऑपरेटिंग सिस्टम
डिवाइस के मोहताज थे! डिवाइस डिपेंडेट सॉफ्टवेर केवल कुछ प्रकार के कंप्यूटर को
चलते थे जब मैन्युफेक्चर्स नए कंप्यूटर मॉडल इंट्रोड्यूस करते है तो वे अक्सर
इंप्रूव्ड और अलग ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोड्यूस करते है समस्याए तब उठती है, जब यूजर
कंप्यूटर या मैन्युफेक्चरर को छोड़ना चाहता है यूजर के एप्लीकेशन सॉफ्टवेर प्राय:
नए कंप्यूटर पर कम नहीं करते है क्योकि अप्लीकेशन सॉफ्टवेर एक विशिष्ट ऑपरेटिंग
सिस्टम के साथ काम करने के लिए डिज़ाइन किय गये होते है! कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम अभी
भी डिवाइस डिपेंडेट है!
अब डिवाइस-इनडिपेंडेंट
ऑपरेटिंग सिस्टम आ गए है, जो कई मैन्युफेक्चर्स के कंप्यूटरों को चलाते है!
डिवाइस-इनडिपेंडेंट सिस्टम का लाभ ये है कि यदि आप कंप्यूटर मॉडल को बदल भी दें तो
भी आप मैजूदा अप्लीकेशन सॉफ्टवेर और डाटा फाइलों को रख सकते है ऑपरेटिंग सिस्टम के
निम्न प्रकार है
विंडोज-8 (Windows-8)
विंडोज 8.1 (Windows-8.1)
विंडोज-9 (Windows-9)
विंडोज-98 (Windows-98)
विंडोज-9 (Windows-9)
विंडोज-98 (Windows-98)
विंडोज-10 (Windows-10)
इन सभी ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार पे क्लिक करके इस सब कि पूरी जानकरी ले सकते है उम्मीद है दोस्तों आप भी को में ये पोस्ट पसन्द आया होगा ! दोस्तों इस पोस्ट से रिलेटेड आप को कोई प्रश्न हो तो आप हमें जरुर कमेन्ट
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फ्रेंड्स मिलते है आगले पोस्ट में तबतक के लिए गुड बाय दोस्तों !
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